श्री नरवाई माँ मंदिर (ગુજરાતી: શ્રી નરવાખાઈ માંનુ મંદિર) सोमनाथ से द्वारका जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग पर पोरबंदर जिले के गोसा गाँव मे 100 साल से स्थित है।
ॐ जय लक्ष्मीरमणा भगवान सत्यनारायण की सबसे प्रसिद्ध आरती है। यह प्रसिद्ध आरती भगवान सत्यनारायण से सम्बन्धित अधिकांश अवसरों विशेष रूप से सत्यनारायण पूजा पर गायी जाती है।
पति और पत्नी एक ही पंछी के दो पंख है। अगर रिश्तों के आकाश में ऊंची उड़ान भरना है तो दोनों पंख का समान और मजबूत होना आवश्यक है। यहां हम लाए हैं ज्योतिष से जुड़ी विशेष बातें जो आपके लिए निश्चित रूप से लाभप्रद होंगी।
पराशर ऋषि के अनुसार आयु गणना की लगभग 82 विधियां है। जन्म कुंडली विशेष के लिए किस विधि का उपयोग किया जाना चाहिए। इसका निर्णय ग्रहबल और भाव बल के द्वारा किया जाता है।
फरवरी माह के आरंभ होते ही कुछ पर्व और दिवस का इंतजार शुरू होगा। इस माह 14 फरवरी को वेलेंटाइन डे हैं और 16 फरवरी को वसंत पंचमी है। जानिए बस एक शब्द में कि कैसा होगा यह माह आपके लिए...
पति और पत्नी एक ही पंछी के दो पंख है। अगर रिश्तों के आकाश में ऊंची उड़ान भरना है तो दोनों पंख का समान और मजबूत होना आवश्यक है। यहां हम लाए हैं वास्तु से जुड़ी विशेष बातें जो आपके लिए निश्चित रूप से लाभप्रद होंगी।
कई बार घर में बिना वजह के तनाव व लड़ाई-झगड़ा बना रहता है। आपसी रिश्तों में कड़वाहट और उदासीनता आ जाती। अगर आप अपने जीवन में खुशियां चाहते हैं तो ये उपाय अवश्य अपनाएं, प्रस्तुत हैं 15 आसान उपाय।
हर व्यक्ति चाहता है कि छोटा सा ही सही लेकिन उसका अपना घर हो। किसी भी इंसान के लिए घर सपनों का आशियाना होता है। खुशी और बहुत से सपनों और उम्मीदों के साथ लोग नया घर खरीदते हैं और चाहते हैं कि उनका सुख शांति और संपन्नता से भरा हुआ रहे।
यह महल ओडियार यदुराजवंश के वंशजो का है । 1399 ईस्वी में यदुराय ओडियार से यदुवंश की इस नई शाखा का निर्माण हुआ । जैसे लगभग 250 ईस्वी में जादौन राजवंश से भाटी राजवंश नाम की शाखा निकली, इसी तरह दक्षिण में एक नई यदुवंश क्षत्रियः शाखा का निर्माण हुआ, जिसका नाम ओडियार परिवार था ।
मुकनदास खीची को इतिहास में जो स्थान मिलना चाहिए था नहीं मिला, उन्हें इतिहास से गौण कर दिया गया। पांडवों का एक वर्ष का अज्ञातवास कितना कठिन था जबकि मुकनदास खीची के सात वर्ष बालक महाराजा अजीतसिंह की जोगी के भेष में सुरक्षा, पल-पल की नजर रखना कितना कठिन कार्य था।